सखी सम्प्रदाय वाक्य
उच्चारण: [ sekhi semperdaay ]
उदाहरण वाक्य
- इन सम्प्रदायों में राधा-वल्लभीय और सखी सम्प्रदाय विशेष उल्लेखनीय हैं।
- लेकर कई प्रकार के सखी सम्प्रदाय भी चले जिनमें समय समय पर प्रियतम के साथ
- भक्त कवियों तथा सूफियों ने जो ' राम की बहुरिया' बनकर अपने हृदय की वेदना व्यक्त की है उसका तथा भारतवर्ष में सखी सम्प्रदाय के जन्म का कारण भी यही है।
- सखी सम्प्रदाय के ललित किशोरी के गीतों पर मैं थिरकने लगी | अब मैं कवि सम्मेलनों की शोभा बढाने लगी | जयशंकर प्रसाद के साथ होती हुई मैथलीशरण गुप्त के साथ खड़ी बोली के रूप में आ खड़ी हुई “ यशोदरा ” में
- गौरमुखाचार्य और लक्ष्मण भट्ट द्वारा प्रचारित सनकादि सम्प्रदाय, मध्वाचार्य के ब्रह्म या माध्व सम्प्रदाय, गोसाई हितहरिवंश (1503) के राधावल्लभ सम्प्रदाय, स्वामी हरिदास के हरिदासी या सखी सम्प्रदाय तथा चैतन्य महाप्रभु के गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय ने कृष्णभक्ति-आन्दोलनों के रूप में भागवत धर्म को समय के आवश्यकतानुसार नवीन रूप दिया और समग्र लोक-जीवन को आमूल प्रभावित करके उसे नयी आशा, उमंग और क्रियात्मक शक्ति से अनुप्राणित किया।